बहुत याद आती है गांव की वो गलियां जहाँ हम दिन भर खेला करते थे बहुत याद आती है गांव की वो गलियां जहाँ हम दिन भर खेला करते थे
उसकी ही दुनिया हुई, जिसके संग था काल। उसकी ही दुनिया हुई, जिसके संग था काल।
कैसा है तेरा प्यार ? समझ न सका ओ मेरे यार। कैसा है तेरा प्यार ? समझ न सका ओ मेरे यार।
गांव की गलियों में नित घूमता मन, दम घोंटू शहरी जिंदगी से अब हुई अनबन। गांव की गलियों में नित घूमता मन, दम घोंटू शहरी जिंदगी से अब हुई अनबन।
संभल के रहो तुम जिंदगी है तुम्हारी है ,जिंदा रहे तो दोबारा मिलेंगे । संभल के रहो तुम जिंदगी है तुम्हारी है ,जिंदा रहे तो दोबारा मिलेंगे ।
जब याद आते हैं वो दिन बो बचपन कितना प्यारा था l जब याद आते हैं वो दिन बो बचपन कितना प्यारा था l